माँ…. बस यही एक नाम याद आता है, मुझे हर मुसीबत में, कितना सुकून मिलता है, जब आराम करता हूँ तेरी गोद में । सही क्या है, गलत क्या है ? ये तूने ही तो…Continue Reading
Category: Mehfil-E-Aam
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बाधाओं का विशाल पर्वत
ये बाधाओं का विशाल पर्वत, जो तुम्हारे समक्ष सिर उठाये खड़ा है, इससे कभी मत घबराना कभी मत डरना और ना ही अपनी नियति को कोसना कि, क्यों इसने तुम्हारी राह में, इस विशाल घमंडी…Continue Reading
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कभी तन्हाईयों की सहेली है
कभी तन्हाईयों की सहेली है, कभी टूटे ख़ाबों की हवेली है, कभी बहते दरिया सी शांत है, कभी इश्क़ में डूबी अलबेली है, ये रात अनसुलझी इक पहेली है। सितारों के लिबास में सजी हुई,…Continue Reading